रेगिस्तान में बेल्जियम के बराबर शहर बसा रहा सऊदी अरब
सऊदी अरब रेगिस्तान में 500 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसे इतिहास का सबसे लंबा और मुश्किल प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। बेल्जियम की साइज के बराबर क्षेत्र में फैले इस रेगिस्तान को क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) हाई-टेक सिटी बनना चाहते हैं जिसे नियोम नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत 500 बिलियन डॉलर के साथ हुई है। नियोम को फ्यूचरिस्टक इको शहर बताया जा रहा है, जो सऊदी अरब के पर्यावरण लक्ष्य के हिसाब से बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए सऊदी अरब की इकोनॉमी में ट्रांसफॉर्म लाना मकसद है।
नियोम शहर को जिस साइट पर बसाने का काम चल रहा है, वह सऊदी अरब के सुदूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यह इलाका धूप से झुलसे लाल सागर के तट से उबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों तक फैला हुआ है। गर्मी के दिनों में यहां का तापमान 100F को भी पार कर जाता है। साथ ही यहां ताजे पानी का कोई स्रोत भी नहीं है। फिर भी, एमबीएस और उनके सलाहकारों का मानना है कि जल्द ही यहां उन लाखों लोगों का घर होगा, जो पर्यावरण के साथ तालमेल बिठाएंगे।
नियोम शहर के प्रोजेक्ट को विज्ञान कथा के दायरे से बाहर लाना बेहद मुश्किल चुनौती है। धन की उपलब्धता एक बात है लेकिन किसी विचार को हकीकत में बदलना दूसरी बात है। प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई लोगों ने बताया कि दिक्कतें लगातार पेश आ रही हैं। उन्हें ठीक भी किया जा रहा है लेकिन फिलहाल इनका अंत नजर नहीं आता है। हालांकि, तकरीबन दुनिया भर के एक्सपर्ट्स इस पर लगातार काम कर रहे हैं।