इस्लामाबाद । पाकिस्तान में पत्रकार इमरान रियाज की गिरफ्तारी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी नेता इमरान खान ने पत्रकार इमरान रियाज के पक्ष में ट्वीट किया है। जिसके बाद सरकार की तरफ से सत्तारूढ़ पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने मोर्चा संभाला। दोनों नेताओं के बीच ट्विटर पर जमकर तीखी नोंकझोक हुई। ज्ञात हो कि पत्रकार इमरान रियाज को पूर्व पीएम इमरान खान का समर्थक बताया जाता है।
उन्हें पिछले हफ्ते मंगलवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने खिलाफ दर्ज एक राजद्रोह के मामले में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत लेने के लिए इस्लामाबाद जा रहे थे। इमरान खान ने ट्वीट किया कि इमरान रियाज को एक पिंजरे में रखा गया, वहीं सभ्य देश जानवरों को भी ऐसे रखने की इजाजत नहीं देते। जहर देने की भी आशंका है। उन सभी जिम्मेदारों को शर्म आनी चाहिए। पाकिस्तान के लोगों को चुप कराने के बजाय, यह केवल बदमाशों और उनके आकाओं के इस गुट के खिलाफ लोगों के गुस्से को बढ़ाता है।
इमरान के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मरियम नवाज ने लिखा कि आपको कोट लखपत जेल में मौत की कोठरी देखने की जरूरत है जिसमें आपने मुझे महीनों तक रखा। जहां बाथरूम और कमरे के बीच कोई दीवार नहीं थी। क्या मुझे आपको तस्वीरें भेजनी चाहिए? यह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस है या दोहरा चरित्र? मरियम ने दो साल पहले दावा किया था कि जब मैं जेल में थी तो वहां के प्रशासन ने मेरी बैरक के बाथरूम में भी कैमरे लगवा दिए थे। यह एक महिला का अपमान था। इमरान ये याद रखें कि पाकिस्तान हो या दुनिया का कोई और मुल्क, महिलाएं कहीं कमजोर नहीं हैं। इमरान रियाज खान एक पाकिस्तानी पत्रकार और यूट्यूबर हैं। उन्हें शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के आलोचक के रूप में जाना जाता है।
इमरान रियाज खान का जन्म पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुआ था। उन्होंने पाकिस्तान के एक निजी समाचार चैनल पर एक एंकर और पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने 2020 में इमरान खान नाम से अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया, जिसके अप्रैल 2022 तक 2।7 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर थे।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पत्रकार इमरान रियाज खान के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने जनता से इमरान रियाज की गिरफ्तारी और और पत्रकारों को निशाना बनाने के खिलाफ विरोध करने का आग्रह किया। इमरान खान ने कहा कि जो लोग लोकतंत्र और हमारे संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करते हैं, उन्हें बाहर आना चाहिए और इमरान रियाज खान की गिरफ्तारी और अयाज आमिर और कई अन्य लोगों सहित पत्रकारों को निशाना बनाने और हिंसा को रोकने के लिए विरोध करना चाहिए।